आपने गाय के गोबर से बनी खाद और उपलों के बारे में सुना होगा। लेकिन क्या अपने गाय के गोबर से बनी लकड़ी के बारे में सुना है। इसका निर्माण भी अब देश के कई राज्यों में बड़े स्तर पर किया जा रहा है। क्या आप इसके होने वाले फायदों के बारे में जानते है?
जनपद लखनऊ के गो आश्रय स्थल, मोहनलालगंज में गोवंश के गोबर से प्रदूषण मुक्त एवम् शुद्ध गो काष्ठ (गोबर की लकड़ी) का निर्माण किया जा रहा है। गो काष्ठ के उत्पादन से गोआश्रय स्थल आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ा रहे है। #aatmnirbharkisan @UPGovt @UPGovt @ChiefSecyUP @ncbjp_laxmi pic.twitter.com/7T8d3pqKmP
— Department of AHUP (@DOAHUP) October 28, 2020
लखनऊ के मोहनलालगंज में गोवंश आश्रय स्थल, जबरौली में गाय के गोबर से लकड़ी का निर्माण किया जा रहा है। गो काष्ठ (गोबर की लकड़ी) के उत्पादन से न सिर्फ लकड़ी का एक अच्छा विकल्प मिला है। बल्कि लोग इस काम को करके आत्मनिर्भर बन रहे है।
गो काष्ठ के फायदे
1. कम प्रदूषण होता है
2. पेड़ों की कटाई में कमी आएगी
3. कम पैसों में इस व्यापार को शुरू किया जा सकता है
4. लोगों को रोजगार मिलेगा
कैसे बनती है गो काष्ठ
गो काष्ठ बनाने के लिए मशीन आती है। जिसकी कीमत 70 से 80 हजार रूपए तक है। इस मशीन में गोबर के साथ सूखी घास डाली जाती है। 10 सेकेण्ड में 5 से 6 फीट की लकड़ी बनकर तैयार हो जाती है। इसके बाद इसे सूखने के लिए रख दिया जाता है और ये 2 दिन में सूखकर तैयार हो जाती है। इसके बाद गो काष्ठ का उपयोग हवन, यज्ञ -पूजा पाठ, संस्कार, ईंट के भट्टों आदि में किया जा सकता है।