MRI मशीन में सेक्स करते हुए पाए गए कपल , जाने क्या था पूरा मामला

couple having sex in mri machine for medical research

जब पति-पत्नी शारीरिक सम्बन्ध बनाते हैं तो उनके शरीर की आतंरिक गतिविधियां क्या होती हैं, इसके ऊपर डच के वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च किया था। यह रिसर्च पहली बार MRI मशीन की मदद से किया गया था। इस रिसर्च में निकले परिणामों को 25 दिसम्बर 2000 को एक द ब्रिटिश मेडिकल जर्नल(The BMJ) नामक मैगजीन में एक लेख के रूप में छापा गया था। इस आर्टिकल को 25 दिसम्बर 2019 को पूरे 20 साल हो जायेंगे। मैगजीन द ब्रिटिश मेडिकल जर्नल(The BMJ) को चिकित्सा के क्षेत्र में कई सारे पुरस्कार मिल चुके हैं।

जाने क्या था The BMJ मैगज़ीन के आर्टिकल में

द ब्रिटिश मेडिकल जर्नल(The BMJ) मैगजीन में छपे इस आर्टिकल में कपल्स के शारीरिक संबंध पर हुए रिसर्च के बारे में जानकारी है। इस लेख में बताया गया है MRI मशीन में कपल्स को सेक्स करने के लिए कहा गया था। MRI मशीन में इसलिए सेक्स करवाया गया जिससे शारीरिक संबंध बनाते समय होने वाले शारीरिक गतिविधियों को कैप्चर किया जा सके। इस रिसर्च को एनाटॉमी ( शारीरिक संरचना ) के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए डच वैज्ञानिकों के द्वारा किया गया था।

mri scanning during sex in mri machineइस रिसर्च के माध्यम से वैज्ञानिकों का मुख्य उद्देश्य यह पता करना था की जब पुरुष और महिला शारीरिक संबंध बनाते है, तो उस समय पुरुष और महिला के प्राइवेट पार्ट्स यानी निजी अंगों में क्या बदलाव आते हैं।

जाने वैज्ञानिकों ने कैसे किया था रिसर्च

पुरुष और महिलाओं के सेक्सुअल पार्ट्स में शारीरिक संबंध बनाने के समय क्या बदलाव आते है, यह जानने के लिए वैज्ञानिकों ने कपल्स से MRI मशीन में इंटिमेट होने के लिए कहा।

पुरुष और महिलाएं शारीरिक संबंध बनाने के समय एक-दुसरे के साथ कैसे व्यवहार करते हैं और उनके प्राइवेट पार्ट्स में किस प्रकार से बदलाव और गतिविधियां होती हैं, वैज्ञानिकों ने बहुत ही बारीकी से समझा।

इस रिसर्च को करने के लिए वैज्ञानिकों के द्वारा 8 जोड़ों को निजी रूप से बुलाया गया था। बड़ी बात यह है की इनमे से एक कपल ऐसे था जो स्ट्रीट कलाकार था, देश में लोगों को जागरूक करने के लिए कई तरह के प्रोग्राम करता था। इस रिसर्च में तीन महिलाएं ऐसी थी जो बिना अपने पति के साथ थी यानी ये महिलाएँ सिंगल थी। वैज्ञानिकों ने इन सिंगल महिलाओं पर 13 प्रकार के रिसर्च किये थे। वैज्ञानिकों के रिसर्च के अनुसार तीन कपल्स ने MRI मशीन में दो-दो बार सेक्स किया था।

mens private part shape during sex वैज्ञानिको ने ऐसे जोड़ों को चुना था जो MRI मशीन में फिट आ सके, उनके शरीर के बनावट के अनुसार चुना गया था। इस रिसर्च को वैज्ञानिकों ने नीदरलैंड के एक यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में किया था। रिसर्च करते समय MRI मशीन को परदे से चारों तरफ बंद कर दिया गया था, जिससे कपल्स को सेक्स करने में हिचकिचाहट न हो।

वैज्ञानिकों ने महिलाओं और पुरुषो की तस्वीरें सेक्स करने से पहले और सेक्स करने के बाद दोनों ही स्थिति में लिए। वैज्ञानिकों का कहना है की MRI मशीन में संबंध बनाने में महिलाओं की तुलना में पुरुषो को अधिक असुविधा हुई। वैज्ञानिको ने यह भी बताया की एक जोड़े को छोड़कर बाकि सभी जोड़ों ने वियाग्रा खा कर संबंध बनाया था।

रिसर्च पूरा होने के बाद वैज्ञानिको के सामने यह परिणाम आया की मिशनरी पोजीशन में शारीरिक संबंध बनाने के समय पुरुषों के प्राइवेट पार्ट्स स्ट्रेस या एस शेप में नहीं होते हैं। पुरुषों के प्राइवेट पार्ट बूमरैंग शेप में हो जाते हैं। वैज्ञानिको ने यह भी बताया की पहले की धारणा भी गलत साबित हुई की सेक्सुअल अराउजल के वक्त यूटेरस फैलता है। वैज्ञानिकों का कहना है सेक्सुअल अराउजल के वक्त यूटेरस नहीं फैलता है।

द ब्रिटिश मेडिकल जर्नल(The BMJ) मैगजीन में छपे इस रिसर्च को इतनी लोकप्रियता मिली की सन 2000 में इस रिसर्च को एलजी नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इस लेख ने दुनिया में सबसे ज्यादा पढ़ने और डाउनलोड करने का विश्व रिकार्ड कायम किया है, जो अभी तक टूटा नहीं है।

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