लाख कोशिशों के बाद भी कोरोनावायरस थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं और इसका बड़ा कारण है,संक्रमित व्यक्ति द्वारा किसी वस्तु को छूने पर ये वायरस उस वस्तु पर कई घंटों या कई दिनों तक जीवित रह सकता है। इस दौरान यदि कोई दूसरा व्यक्ति उस वस्तु को छूता है तो यह वायरस उसके अंदर प्रवेश कर जाता है। इसी तरह कोरोनावायरस की चैन बढ़ती जाती है।
इसी को मध्य नजर रखते हुए लखनऊ पुलिस ने आरबीआई और एसबीआई को लिखित में एटीएम नोटों को सैनिटाइज करने का प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव के बाद एटीएम से निकलने वाले नोटों को भी सैनिटाइज किया जा सकता है और यह आवश्यक भी है। क्योंकि पैसे ही ऐसी चीज है, जो हर किसी के पास होते हैं और कोरोनावायरस इन पर भी लंबे समय तक जीवित रह सकता है। इसीलिए आरबीआई ने कैशलेस पेमेंट करने की सलाह दी है।
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किस वस्तु पर कितनी देर जीवित रहता है कोरोनावायरस
कोरोनावायरस अलग-अलग वस्तुओं पर कुछ समय या कुछ दिनों तक जीवित रह सकता है यह बात दिनभर करती है उस स्थान के तापमान पर। यदि तापमान कम है तो वापस ज्यादा दिनों तक जीवित रहेगा और तापमान अधिक है तो वायरस जल्द ही खत्म हो जाएगा।
कोरोनावायरस एलमुनियम पर 8 घंटे, रबर 8 घंटे, स्टील 2 दिन, कांच 4 दिन, लकड़ी 4 दिन, मिट्टी 5 दिन, प्लास्टिक 5 दिन और ठोस धातु पर 5 दिन, कपड़े 2 दिन, मोबाइल डिस्प्ले 2 दिन, कार्डबोर्ड 4 दिन, तांबा 4 दिन, ठंडी जगह पर 20 से 28 दिन तक जीवित रह सक