जहां पूरा विश्व Covid-19 नामक वायरस से फैली महामारी से जूझ रहा है वही देश में इससे जुड़ा अलग मामला सामने आया है। मामला यह है की कोरोना वायरस के कॉलरट्यून को लेकर अभी उच्च न्यायलय में बुधवार के दिन जनहित याचिका दायर की गयी है जो की खाँसी के साथ शुरू होती है।
मालूम हो की मद्रास हाइकोर्ट के अधिवक्ता शिवराजशेखरन ने मद्रास हाइकोर्ट में जनहित याचिका लगाई है की कोरोना वायरस के कॉलरट्यून को रोकना अत्यंत आवश्यक है क्यूंकि सभी मोबाईल प्रदाता सभी आउटगोइंग कॉल पर यह सन्देश बजा रहे हैं जिससे मानसिक तनाव पैदा होता है।
कोरोनावायरस के कॉलर ट्यून को कैसे करें बंद ?
उन्होंने कहा की जरूरी है की कोरोना वायरस को लेकर जागरूकता फैलाई जाये लेकिन इस विधि से नहीं क्यूंकि खांसी की आवाज़ आने से जनता को बड़ी असुविधा हो रही है। उन्होंने सुझाव दिया की जागरूकता के लिए खांसी की कॉलरट्यून के बजाय उपयुक्त शब्दावली का उपयोग कर सकते हैं साथ ही साथ कॉलरट्यून के अलावा SMS, Twitter, Facebook, Instagram के साथ सिनेमा हाल के जरिये भी जागरूकता का सन्देश फैला सकते हैं।
राजशेखरन ने कहा की रिकार्डेड कॉलरट्यून को बार बार सुनने से घृणा पैदा होने लगती है और यह संविधान में स्थापित शांतिपूर्ण जीवन जीने के अधिकार का उल्लंघन है जिससे इसके प्रसारण पर रोक लगनी चाहिए। इस याचिका पर सुनवाई संभवतः IPL मैच के आयोजन पर रोक की मांग की अर्जी के साथ होगी।