पुलिस लाइन में पैसे ना देने पर आरक्षी को किया गैर हाज़िर

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रिज़र्व पुलिस लाइन में पैसों का कारोबार किया जा रहा था। मुख्य आरक्षी शिवराम का एक पत्र बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमे उसने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को संज्ञान में लाने के लिए आईआर आशुतोष सिंह तथा मुंशी विवेक सिंह को पैसे ना देने पर सिपाहियों को परेशान करने तथा रिपोर्ट लिख देने का आरोप लगाया है।

शिवराम का कहना है कि 24 सितम्बर की रात को उसने ड्यूटी किया था लेकिन 25 सितम्बर की सुबह जब वह पुलिस लाइन पर ड्यूटी के लिए आया तो 24 तारीख की हाजरी दर्ज नहीं की गई थी। उसने आरोप लगाया है कि “कई महीनों से विवेक सिंह ड्यूटी के नाम पर हर माह 3 हज़ार रूपए सुविधा शुल्क की मांग करता रहा है। लेकिन मैंने विवेक सिंह को सुविधा शुल्क देने से इंकार कर दिया जिसके चलते उसने परेशान करने के लिए 24 को हाजरी दर्ज नहीं की”। शिवराम ने लिखा है कि “जो आरक्षी प्रतिमाह 3 हज़ार रूपए दे देते हैं उनको परेशान नहीं किया जाता है और वो ड्यूटी पर भी नहीं आते हैं फिर भी उनकी हाजरी दर्ज कर दी जाती है। अतः इस सम्बन्ध में जांच करवा कर न्याय किया जाए”।

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रिज़र्व पुलिस लाइन के प्रतिसार निरीक्षक ने 25 सितम्बर को कहा कि “मुख्य आरक्षी शिवराम की ड्यूटी लगाई गई थी लेकिन उसने अपनी ड्यूटी के प्रति अनुशासन हीनता दिखाते हुए मना कर दिया और रात्रि गणना आदि पर उपस्थित होने में भी आना-कानी करता है जो उसके पदीय कर्तव्य के प्रति घोर अनुशासनहीनता को दर्शाता है”। जिसके बाद एसएसपी कलानिधि नैथानी ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए रिज़र्व पुलिस लाइन के क्षेत्राधिकारी को इन दोनों मामलों की जांच करने का आदेश दे दिया है।

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