संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार को चालू हो जाएगा। कांग्रेस का कहना है कि इस दौरान वह नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) तथा राष्ट्रीय नागरिता रजिस्टर (National Register of Citizenship) के खिलाफ दिल्ली में हुई हिंसा (Delhi Violence) के मामले को लेकर संसद के भीतर पूरे ज़ोरशोर से आवाज़ उठाएगी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) के इस्तीफे की मांग करेगी। सूत्रों के हवाले से रविवार को पता चला है कि पार्टी सोमवार को संसद के दोनों सदनों में कार्य स्थगन का नोटिस देकर दिल्ली हिंसा को लेकर बहस करवाने की मांग करेगी।
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कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इसी बीच लोकसभा में कहा है कि दिल्ली हिंसा को लेकर पार्टी संसद में ज़ोरशोर से मुद्दा उठाएगी। उन्होंने कहा कि “हम दिल्ली हिंसा पर अमित शाह के इस्तीफे का दबाव जारी रखेंगे”। अधीर रंजन का कहना है कि कानून व्यवस्था कि स्थिति को बनाए रखने में सरकार पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है। दिल्ली में हिंसा फैलाने फैलाने वालों तथा पुलिस अधिकारियों के बीच एक वर्ग की मिलीभगत हो सकती है और इसकी वजह से दिल्ली में हुई हिंसा ने सारी दुनिया में हमारी (हिन्दुस्तान की) छवि को दागदार किया है और यह बेहद गंभीर विषय है।
We will continue to press for Amit Shah's resignation over Delhi violence: Adhir Ranjan Chowdhury
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— ANI Digital (@ani_digital) March 1, 2020
पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता तथा राज्यसभा के सदस्य अभिषेक मनु सिंधवी का कहना है कि कांग्रेस लोकतांत्रिक मुद्दों को देश के अंदर नष्ट करने का मुद्दा संसद के भीतर उठाने का पूरा प्रयास करेगी। कांग्रेस समेत अन्य पार्टियां भी दिल्ली में हिंसा के समय पुलिस पर पूर्वाग्रह पूर्ण रवैया अपनाने और कार्यवाही न करने का आरोप लगा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के प्रतिनिधिमंडल ने भी केंद्र सरकार को अपना राजधर्म याद दिलाते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अमित शाह के इस्तीफे कि मांग किया था। कांग्रेस ने अमित शाह पर आरोप लगाया है कि वह अपना दायित्व उचित तरह से नहीं निभा रहे हैं।