उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) तथा भारतीय राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के खिलाफ हो रही हिंसा तथा प्रदर्शनों के सम्बन्ध में विशानसभा के भीतर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य में 6 महीनों के दौरान सीएए तथा एनआरसी को लेकर हुए प्रदर्शन और हिंसा में 21 लोग मारे जा चुके हैं और 400 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। समाजवादी पार्टी के विधायक राकेश प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री योगी से 6 महीनों में हुए दंगे, धरना व विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई मौतों की संख्या के सम्बन्ध में सवाल किया था।
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उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “अगर लोगों को गलतफहमी हो गई है कि वे आगजनी कर सकते हैं और संपत्ति को नुकसान पहुंचा सकते हैं, तो हम जानते हैं कि उस गलतफहमी का हल भी कैसे निकालना है। इसीलिए नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध अनावश्यक है”। उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन तथा दंगों के दौरान मरे गए गए लोगों को किसी प्रकार का मुआवज़ा देने का प्रावधान नहीं है और ना ही उन लोगों को कोई पैसा दिया जाएगा।
Chief Minister Yogi Adityanath in UP Assembly: If people have misunderstood that they can arson and damage property then we know how to find a solution for that misunderstanding too. That is why protesting against the Citizenship Amendment Act is unnecessary. (file pic) pic.twitter.com/EPE2vm1SK9
— ANI UP (@ANINewsUP) February 26, 2020
मुख्यमंत्री योगी विधानसभा में सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह के प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे। सपा विधायक ने जब उनसे पूछा कि क्या सरकार विरोध प्रदर्शन में मारे गए लोगों के परिवारों को मुआवज़ा देगी टी उन्होंने कहा जी नहीं, इस तरह का कोई भी प्रावधान नहीं है। विपक्ष का आरोप है कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान सरकार सही तरह से निपटने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है। अपने बयान के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि आखिर इस कानून के लेकर इतना बवाल क्यों मचा हुआ है और ये लोग देश कि छवि को खराब क्यों करना चाहते है? आगजनी और तोड़फोड़ करके निर्दोषों को निशाना बनाकर वह लोग क्या चाहते हैं? वो लोग एक बात साफ़ समझ लें कि किसी ग़लतफ़हमी का शिकार ना हों क्युकी क़यामत का दिन कभी नहीं आएगा। अगर कोई ग़लतफ़हमी का शिकार होगा तो उसका इलाज करना हम अच्छी तरह से जानते हैं।