अंग्रेजों से देश को आज़ाद हुए 73 साल हो चुके है। लेकिन आज भी उनके बनाये गए कई कानून देश में लागू है। जिसकी वजह से कई समस्याएं अभी होती है। इसी पर आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस की।
Why are the admission cut-offs so high in Delhi? It is so because there is a huge lack of colleges & universities in Delhi, while the number of students is increasing. We need many more colleges & universities here: Delhi CM Arvind Kejriwal pic.twitter.com/jNjF8awtN8
— ANI (@ANI) October 16, 2020
केजरीवाल ने कहा की आखिर ऐसा क्यों हो रहा है कि कटऑफ इतना ज़्यादा हो रहा है, इसमें सभी सरकारों की गलती है। ये इसलिए हो रहा है क्योंकि दिल्ली में कॉलेज, यूनिवर्सिटी की बहुत भारी कमी हो गई है। हर साल दिल्ली में करीब 2.5 लाख बच्चे 12th पास करते हैं उनमें से 1.5 लाख बच्चों को दाखिला मिल पाता है।
अंग्रेजों का बनाया कानून बना बाधा
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा की इस समय बहुत सारे कॉलेज और यूनिवर्सिटी खोलने की जरूरत है, दिल्ली सरकार तैयार है। लेकिन हमारे सामने एक बहुत बड़ी कानूनी अड़चन आ रही है। वो यव है की 1922 में अंग्रेज़ों के बनाए ‘दिल्ली यूनिवर्सिटी एक्ट’ के तहत दिल्ली में जो भी कॉलेज खुलेगा वो सिर्फ DU से एफिलिएट हो सकता है। इसी की वजह से नए कॉलेज खोलने में समस्या हो रही है।
कानून को हटाने की मांग
दिल्ली यूनिवर्सिटी में पिछले 3 दशकों में कोई नया कॉलेज नहीं खुला है। आज मैंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल को पत्र लिखकर इस कानून के सेक्शन 5(2) को डिलीट करने की मांग की है। ताकि नए कॉलेज, यूनिवर्सिटी खुल सकें।