उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा कांग्रेस के 135वें स्थापना दिवस के मौके पर शनिवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय नेहरू भवन पहुंचीं। यहाँ कार्यक्रम समाप्त होने के बाद वह चुपचाप कुछ पदाधिकारियों के साथ रिटायर्ड आइपीएस अफसर एसआर दारापुरी के परिवार से मिलने के लिए निकल पड़ीं। एसआर दारापुरी को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) तथा भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) का विरोध करने पर गिरफ्तार कर लिया गया है।
CAA व NRC देश की गरीब जनता के खिलाफ: प्रियंका गांधी
महासचिव प्रियंका गांधी ने लखनऊ पुलिस पर आरोप लगाया कि रास्ते में पुलिस ने उनके साथ बदसुलूकी किया और उनकी गाड़ी को बार बार रोका। इसके बाद वह पैदल ही चल दीं। पुलिस ने उनको धक्का दिया तब भी वह नहीं रुकीं और रास्ते में कई कांग्रेस कार्यकर्ता उनके साथ जुड़ते गए। कुछ दूर वह एक कार्यकर्ता की स्कूटी से भी गईं। प्रियंका गाँधी ने कहा कि पुलिस ने उनके साथ मारपीट की तथा उनका गला भी दबाया।
Dr Archana Singh, Circle Officer Lucknow: This is not true at all. I was her (Priyanka Gandhi Vadra) fleet in-charge. No one misbehaved with her at all, I only did my duty. I also was heckled with during the incident. https://t.co/YrvWOK6TY0 pic.twitter.com/4RHoOUy9kR
— ANI UP (@ANINewsUP) December 28, 2019
लखनऊ की सर्कल अधिकारी डॉ. अर्चना सिंह ने प्रियंका गाँधी के इस आरोप का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि “यह बिल्कुल सच नहीं है। मैं उनकी (प्रियंका गांधी वाड्रा की) बेड़ा प्रभारी थी। किसी ने भी उसके साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं किया है, मैंने केवल अपना कर्तव्य निभाया। मैं भी घटना के दौरान वहां मौजूद थी”।