कल अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने कहा था कि अमेरिका यूरोप से अपनी सेना को हटाकर एशिया में तैनात करेगा। ऐसा एशिया में चीन की बढ़ती गुंडागर्दी को देखते हुए किया जा रहा है। अमेरिका के इस बयान के सामने आते ही चीन के सुर बदल गए हैं और वह भारत की तारीफ करने लगा है।
चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स में लिखा गया कि एक वक्त था जब भारत चीन के बीच तनाव का बड़ा खतरा था। भारत तब भी किसी देश पर निर्भर नहीं रहा। इसलिए मौजूदा सीमा तनाव पर भी भारत किसी एक देश के साथ नहीं जाएगा। क्योंकि वह कूटनीतिक स्वतंत्रता पसंद करता है।
कुल मिलाकर अब चीन को डर सताने लगा है कि यदि एशिया में अमेरिका अपनी तैनाती करता है तो भारत अमेरिका साथ आ जाएंगे। जिससे हिंद-प्रशांत में चीन की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। इसलिए अब चीन के सुर बदलने लगे हैं।
इस समय भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर विवाद चल रहा है और अमेरिका पहले ही इस मामले पर मध्यस्थता करने का प्रस्ताव दे चुका है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले से ही कोरोनावायरस की वजह से चीन के खिलाफ हैं। हाल ही में भारत और अमेरिका के रिश्ते और मजबूत हुए हैं। इन सब बातों को देखते हुए चीन को यह डर सता रहा है कि यदि अमेरिका भारत साथ आ गए तो उसकी सभी चालें नाकाम हो जाएंगी।