बीते शनिवार को 69 साल से लटके अयोध्या के विवादित रामजन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने ऐतिहासिक फैसला देकर राममंदिर निर्माण का रास्ता साफ़ कर दिया और केंद्र सरकार को सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ का भूखंड आवंटित करने का निर्देश भी दिया। और जहाँ इस फैसले का पूरे भारतवर्ष ने खुले दिल से स्वागत किया वहीँ इस मामले पर फैसला देने में अहम योगदान देने वाले या कह लीजिये इस फैसले को सुनाने वाले भारतीय सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की भी पूरे भारतवर्ष में जमकर सराहना की। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जजों ने भी अयोध्या मामले पर फैसले के लिए चीफ जस्टिस की तारीफ की।
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीशों ने रविवार को चीफ जस्टिस (CJI) रंजन गोगोई की राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का सही ढंग से हल निकालने और अति संवेदनशील मुद्दे पर फैसला सुनाने के लिए जमकर प्रशंसा की। एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में देश के अगले नामित प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे ने कहा कि न्यायमूर्ति गोगोई का धैर्य, साहस और चरित्र इतना मजबूत है कि कुछ भी गलत हो पाना मुश्किल है।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई –
18 नवम्बर 1954 को डिब्रूगढ़, असम में जन्मे रंजन गोगोई वर्तमान समय में एक भारतीय न्यायाधीश तथा भारत के मुख्य न्यायाधीश है जिन्हे भारत के वर्तमान राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा नियुक्त किया गया है। और वह 17 नवम्बर 2019 को यानी इसी माह रिटायर भी हो जायेंगे। आपको बता दें की इससे पहले वे पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे।
उसके बाद 2012 से भारत के उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश रह चुके, रजंन गोगोई ने 3 अक्टूबर 2018 को भारत के 46वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लिया। रंजन गंगोई भारत के मुख्य न्यायाधीश बनने वाले पूर्वोत्तर भारत के पहले व्यक्ति और पहले असमी हैं। उनके पिता का नाम केशब चंद्र गोगोई है और वह 1982 में असम राज्य के मुख्यमंत्री भी रह चुके है।