भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने दिल्ली सरकार को खेलते हुए कहा कि अप्रैल और मई में दिल्ली के 3 नगर निगमों द्वारा लगभग 34,750 मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं लेकिन दिल्ली सरकार के सरकारी आंकड़े 9,916 प्रमाण पत्र हैं। मृतकों के जो आंकड़े दिखाए गए और जो वास्तविक संख्या है उसमें 250% बढ़ोतरी है।
2 महीनों के कोविड के सरकारी आंकड़े 13,201 रहे। नगर निगम के आंकड़ों और आधिकारिक आंकड़ों का अंतर 21,549 है। 21,000 से अधिक मौतों का कोई हिसाब देने को तैयार नहीं है। दिल्ली की सरकार इस पर सफाई दे।
दिल्ली की मृत्यु दर देश में सबसे अधिक 2.9% है और दूसरे नंबर पर पंजाब है जबकि राष्ट्रीय मृत्यु दर 1.3% है। क्या कारण है कि दिल्ली में इतनी मौतें हुई हैं और कौन इसके लिए जिम्मेदार है?
दिल्ली नगर निगम को लेकर बीजेपी और केजरीवाल सरकार आमने-सामने
बता दें महाराष्ट्र के बाद कोरोना के सबसे ज्यादा मामले दिल्ली में सामने आया थे। इसके बाद लॉक डाउन का ऐलान किया गया था। लेकिन अब दिल्ली में प्रतिदिन मामलों की संख्या में काफी गिरावट आई है और स्वस्थ होने वालों की संख्या बढ़ी है।