समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा का कल रात शुक्रवार को निधन हो गया। बेनी प्रसाद दशकों तक राजनीति में सक्रिय रहे और लोग इनको बाबूजी के नाम से जानते थे। इनको राजनीति का मंझा खिलाड़ी माना जाता था। इनके बारे में कहा जाता है कि यह दोस्ती करते थे तो उसे पूरी इमानदारी से निभाते भी थे और यदि नाराज हो जाए तो इन को मनाना बहुत मुश्किल होता था। इसलिए कोई भी इनको नाराज नहीं करता था और इनकी बातों को पार्टी में प्राथमिकता दी जाती थी।
हालांकि बाद में बेनी प्रसाद वर्मा ने किसी कारणवश समाजवादी पार्टी को छोड़ दिया और अपनी एक अलग पार्टी राष्ट्रीय क्रांति दल बनायी। इन्होंने अपने जीवन में समाज के लिए बहुत से काम किए और कई लोगों को विधानसभा और लोकसभा तक पहुंचा दिया। जहां राज्य सरकार में लोक निर्माण, वित्त और संसदीय कार्य मंत्री रहे व केंद्र में संसार , कोयला मंत्री भी रहे। इसके अलावा अन्य कई अहम पदों पर रह चुके हैं और बखूबी अपने कर्तव्य का पालन किया।
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बता दे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव से बेनी प्रसाद वर्मा की बहुत गहरी दोस्ती थी। जब इन्होंने अपनी पार्टी बनाई और बाद में कांग्रेस में शामिल होकर केंद्रीय मंत्री बने, इसके बाद भी दोनों नेताओं ने एक दूसरे के खिलाफ कुछ नहीं बोला। मुलायम सिंह की दोस्ती वापस सपा में उनको खींच लाई।
समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा जी ' बेनी बाबू जी ' का निधन अत्यंत दुःखद! परिजनों के प्रति गहरी संवेदना। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे। pic.twitter.com/PukKI0Zi8J
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 27, 2020
कुछ दिन राजनीति में सक्रिय रहने के बाद इन्होंने संयास ले लिया। बेनी प्रसाद के निधन पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शोक व्यक्त करते हुए कहा कि ‘समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा जी का निधन अत्यंत दुखद है! परिजनों के प्रति गहरी संवेदना। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।’