बाराबंकी।कोरोना की वैश्विक महामारी से पूरे देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गयी है और ऐसे में सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है आम आदमी।जुलाई माह आते ही आज निजी स्कूलों से फीस की माँग शुरू हो गयी है जिससे अभिभावक परेशान है । अभिभावकों की इसी परेशानी को लेकर बाराबंकी मुख्यालय पर आमरण अनशन शुरू हो गया है यह आमरण अनशन भारतीय किसान यूनियन की ओर से किया जा रहा है । इनका आरोप है कि उनके इस शांतिपूर्ण अनशन के बावजूद जिला प्रशासन उन्हें उठने की धमकी दे रहा है।
बाराबंकी जिला मुख्यालय पर स्थित गन्ना दफ्तर के मैदान में आज भारतीय किसान यूनियन ( भानु गुट) के किसान आमरण अनशन पर बैठ गए । प्रशासन से इनकी माँग है कि निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाया जाए और उनके द्वारा फीस माँग कर अभिभावकों को परेशान किये जाने से निजात दिलाने हेतु फीस माफ कर दी जाए । किसान यूनियन का आरोप है कि शान्तिपूर्ण और सामाजिक दूरी बनाकर किये जा रहे इस अनशन से प्रशासन भयभीत है और इस लिए वह बार – बार उन्हें जेल भेजने की धमकी देकर उन्हें अनशन से उठाने का प्रयास कर रहा है।
भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष विपुल वर्मा ने बताया कि जबसे जुलाई महीना लगा है तबसे बच्चों के अभिभावकों को निजी स्कूलों द्वारा फीस जमा करने को लेकर परेशान किया । उनकी इसी परेशानी को देखते हुए अनेकों बार जिला प्रशासन से फीस माफी हेतु पत्राचार किया जा रहा है मगर प्रशासन ने उनकी बात नही सुनी अन्ततः मजबूर होकर वह आमरण अनशन पर बैठे है । जिला प्रशासन के लोग यहाँ आकर उन्हें जेल में डालने की धमकी देकर उठाने का प्रयास कर रहे है लेकिन अगर उन्हें जेल में डाला गया तो वहाँ भी यह अनशन जारी रहेगा ।
भारतीय किसान यूनियन के प्रान्तीय प्रभारी आशू चौधरी ने बताया कि जब पत्राचार के द्वारा उनकी फीस माफी की बात नही मानी गयी तो उन्हें आमरण अनशन पर बैठना पड़ा । निजी स्कूल अपनी मनमानी करके जबरन फीस जमा करवाने का दबाव बना रहे है और इधर जिला प्रशासन उन्हें जेल भेजने की धमकी दे रहा है । प्रधानमंत्री मोदी ने बीस लाख करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज दिया था वह कहाँ गया , क्या उससे स्कूल की फीस माफ नही सकती । स्कूल तो सांसद , विधायकों या उनके चहेतों का है इसी लिए प्रशासन कुछ नही कर रहा है । अन्य राज्य जब स्कूल की फीस माफ कर रहे है तो उत्तर प्रदेश क्यों नही कर रहा । मुख्यमंत्री से हमारी माँग है कि लॉक डाउन के बाद से लोगों के पास रोजगार नही है , खाना खर्चा चलाने के लिए भी पैसा नही है तो वह फीस कहाँ से जमा करें । मुख्यमंत्री या तो फीस माफी की घोषणा करें या फिर शिक्षा सत्र शून्य कर दें । अगर उनकी माँग नही मानी गयी तो अभी तो वह अनशन पर हैं आगे आन्दोलन की राह पकड़ेंगे ।
रिपोर्ट- अजय वर्मा