न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्स अथॉरिटी ने समाचार चैनलोँ को भड़काऊ बहस न करने की सलाह दी है। साथ ही ये भी कहा है की समाचार चैनल बाबरी मस्जिद के तोड़े जाने वाली फुटेज का उपयोग भी न करें । एनबीएसए ने दो पन्नो की एडवाइजरी में कहा है की अयोध्या मामले में ऐसी कोई प्रसारण नहीं होना चाहिए जिसमें अदालती कार्यवाही की अटकलें हों और अयोध्या मामले की खबर दिखाने से पहले अच्छी तरह से तथ्यों की जाँच करें। समाचार चैनल उन्ही तथ्यों का को दिखाए जो कोर्ट के रिकॉर्ड में हों।
अयोध्या में कानून व्यवस्था पर आईजी प्रवीण कुमार का बयान
News Broadcasting Standards Authority (NBSA) issues advisory on #AyodhyaHearing coverage:
*Do not speculate court proceedings.
*Ascertain facts of hearing.
*Do not use mosque demolition footage.
*Do not broadcast any celebrations.
*Ensure no extreme views are aired in debates.— ANI (@ANI) October 16, 2019
बता दें अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी हों चुकी है और फैसला सुरक्षित कर लिया गया है। श्री राम जन्म भूमि का फैसला अगले महीने 17 नवंबर को आएगा। 17 नवम्बर को फैसला आने की एक वजह ये भी है क्योंकि 18 नवम्बर को सीजेआई रंजन गोगोई रिटायर हों रहे है। मामले की गंभीरता को देखते हुए अयोध्या में धारा 144 लागू कर दी गयी है और अब समाचार चैनलों को एडवाइजरी जारी कर के एनबीएसए ने सलाह दी है।