लखनऊ – आज उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में 47वीं ऑल इंडिया पुलिस साइंस कांग्रेस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बयान दिया है और अपने इस बयान में उन्होंने पुलिस के प्रति संवेदना व्यक्त की है उन्होंने कहा है कि हम संसद के इसी सत्र में आईपीसी व सीआरपीसी में बदलाव करेंगे। यह एक महत्वपूर्ण विषय है, जिस पर चर्चा जरूरी है।
और क्या कहा गृहमंत्री अमित शाह ने
उन्होंने कहा जनता का पुलिस के प्रति व पुलिस का जनता के प्रति नजरिया बदलना होगा। जनता में इस बात की अनुभूति जगाना जरुरी है कि- जब लोग त्योहार मना रहे होते हैं, तब हमारे जवान काम कर रहे होते हैं। अधिकारियों को भी इस बात की जिम्मेदारी समझनी होगी कि, पुलिस जवानों के अंदर कार्य का गर्व पैदा करें। कहा- सफलता तभी मिलेगी जब कांस्टेबल से डीजीपी तक एक फोर्स के रूप में काम हो।
प्याज बेचकर कांग्रेसियों ने किया अनोखा विरोध प्रदर्शन
1960 से लेकर आज तक आप यह कर रहे हैं। मेरा अग्रह है अखिल भारतीय पुलिस कांग्रेस इस विषय पर करनी चाहिए कि 1960 से आज तक जितने भी पेपर रखे गये तो इसमें हुआ क्या ? सिर्फ चिंतन करने से क्या फायदा इस पर गहन विचार करने की जरूरत है।
आंतरिक सुरक्षा गृह मंत्रालय का,लॉ एंड आर्डर की जिम्मेदारी राज्य सरकरो पर है ,सरहद की सुरक्षा फेक करंसी,नारकोटिक्स आदि।
35 हजार से ज्यादा जवानों ने अपनी जान गवाई है तब जाकर यह देश सुरक्षित हुआ है। नरेन्द्र मोदी के आने के बाद भव्य पुलिस इमारत का निर्माण कराया गया है।
क्या पुलिस इमारत को पुलिस चेतना का केन्द्र बना सकता हैं हमारा ये दायित्तव है की पुलिस और जनता का नजरिये में बदलाव हो ।
पुलिस का मजाक बना देना आसान है लेकिन कोई सेवा ऐसी नहीं जहां 32 हजार लोगों ने जान गवाई हैं। देश की जनता को अनुभूति करवानी पड़ती है जब आप अपने बच्चों के साथ पटाखे जलाते हो तो पुलिस कांस्टेबुल नौकरी पर होता है। यह नजरिया बदलने की जिम्मेदारी आप लोगो की है। आप सब उच्च स्थान पर बैठे हैं , नागरिक के इंटरनल सिक्योरिटी को ढंग से नहीं चला सकते जब तक यह नहीं कर सकते। किसी भी प्रकार की घटना होता है पहली जिम्मेदारी पुलिस की होती है। उसके प्रति जनता का सम्मान बढ़ाना हमारा दायित्तव है।