दुनियाभर के देश कोरोना के वजह से चीन की आलोचना कर रहे हैं। लेकिन चीन को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। वह लगातार एशिया में अपना दबदबा बनाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन अब चीन के इस सपने पर पानी फिरने वाला है। क्योंकि अमेरिका अब अपनी सेना को एशिया में तैनात करेगा।
इस बात की जानकारी खुद अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने दी। उन्होंने कहा कि भारत और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के सामने चीन के बढ़ते खतरे को देखते हुए अमेरिका यूरोप में अपने सैनिकों की तैनाती को घटाकर इन्हें उचित जगहों पर तैनात करने जा रहा है। हम इस बात को सुनिश्चित करने जा रहे हैं की चुनौतियों से निपटने के लिए अमेरिकी सेना की तैनाती उचित रूप से रहे।
अमेरिका के इस कदम से चीन को बड़ा झटका लगेगा। क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोनावायरस की वजह से पहले से ही चीन से काफी नाराज हैं और कोरोना को लेकर जांच के लिए संसद में बिल भी पेश किया जा चुका है। यदि का बिल पास होता है तो अमेरिका स्वतंत्र रूप से चीन की मार्केट और लैबोरेट्री आदि की जांच कर सकेगा।
अमेरिका ने एशिया में सेना तैनात करने का फैसला ऐसे समय पर किया है। जब भारत और चीन के बीच काफी तनाव चल रहा है। अमेरिका के इस फैसले का असर कहीं ना कहीं इस विवाद पर भी पड़ेगा। एक तरह से अमेरिका भारत के साथ खड़ा हो गया है।