केजीएमयू की अच्छी व्यवस्थाओं के सभी दावे हुए फेल

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के केजीएमयू के सबसे बड़े कहे जाने वाले ट्रामा सेंटर की सुविधाओं की पोल खुल रही है। इनके द्वारा किये गए अच्छी व्यवस्थाओं के सभी दावे फेल होते नजर आ रहे है। आपको बता दे की ट्रामा सेंटर में आज एक साथ 14 से 15 प्राइवेट और सरकारी एम्बुलेंस मरीजों को लेकर अस्पताल के बहार खड़ी थी। मगर अस्पताल में स्ट्रेचर की व्यवस्था ही नहीं थी।

इतने बड़े अस्पताल में स्ट्रेचर और अस्पताल कर्मी की कोई भी सही व्यावस्था नहीं है। आपको बता दे की मरीज़ के तीमारदार मरीज़ को एम्बुलेंस में लेकर लगभग ढाई घण्टे तक स्ट्रेचर और अस्पताल कर्मी का इंतज़ार कर रहे थे। अब इस पर उठता है की यदि इस दौरान एम्बुलेंस में आये मरीजों का सही समय पर इलाज न होने के कारण उनकी गंभीर हालत का जिम्मेदार कौन होगा? इस तरह से तो मरीजों की जान भी जा सकती है।
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इससे यह साफ पता चलता है अस्पताल प्रशासन को अव्यवस्था से कोई मतलब नहीं है। तभी तो अस्पताल में स्ट्रेचर जैसी ज़रूरी चीज़ की सही मात्रा में व्यवस्था नहीं की गई है।आपको बता दे की अस्पताल के बहार एम्बुलेंस ने जाम लगा रखा था। जिसके कारण धुएं से अस्पताल परिसर में प्रदूषण फैल रहा था। इस पर सवाल यह उठता है की आखिर कब ट्रामा सेंटर की बिगड़ी हुई बदहाल और लचर व्यवस्थाएं सही होगी? कब तक खेलता रहेगा अस्पताल प्रशासन इस तरह मरीजों की जान से ?

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