उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया जिसमे उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा और जेएनयू की हिंसा को प्रायोजित बताया। उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) को एक विचारधारा के लोग उसी विचारधारा में ढालना चाहते हैं। वाराणसी में भी समाजवादी छात्रसभा के ऊपर इसी प्रकार के हमले हुए थे। उन्होंने पुलिस के व्यवहार पर प्रश्न चिन्ह उठाया और कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) को मालूम है कि प्रोपेगंडा किस प्रकार फैलाया जाता है।
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि विश्वविद्यालयों को बीजेपी बरबाद करना चाहती है। एक ही रंग के लोग पूरे प्रदेश में और देश मे आग फैला रहे हैं। राज्य सरकार तथा पुलिस को अच्छी तरह मालूम है कि जेएनयू की घटना के पीछे षड्यंत्र किसका था और उनपर तुरंत कार्यवाही हो। उन्होंने कहा कि भाजपा कभी भी सच नहीं बोलती है और एक झूठी पार्टी है। देश भर में हुए दंगों के पीछे भी बीजेपी का ही हाथ है। मुख्य सवालों से बचने के लिए ही बीजेपी ने दंगा करवाया था।
एनपीआर एनआरसी ही है: अखिलेश यादव
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा कि साल 2017 में 100 से अधिक बच्चों की मृत्यु हुई थी लेकिन सरकार ने कोई नैतिक जिम्मेदारी नही ली थी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सांत्वना देने के बजाए उनके परिवार वालों को ही दोषी ठहराया था। उन्होंने आगे कहा कि गोरखपुर में जनवरी 2019 से अक्टूबर 2019 तक मरने वालों बच्चों की संख्या 1050 है जबकि सरकार ने 500 से भी कम संख्या दिखाया है। साथ ही कहा कि जांच के बाद जिस तरह का इलाज होना चाहिए वो सरकार उपलब्ध नही करा पा रही है और इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए। अखिलेश यादव ने कहा कि सपा सरकार के दौरान बीमारी से पीड़ित बच्चों के परिवार को आर्थिक सहायता दी जाती थी। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की टीम सिटिंग जज के अंडर में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज की जांच करे।