उत्तर प्रदेश भारत का पहला राज्य बन गया है जहां पर नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत प्रवासियों को नागरिकता देने की दिशा में कार्रवाई शुरू हो गई है। इस कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए प्रवासियों की पहचान करने की कवायद भी शुरू हो चुकी है। राज्य सरकार ने प्रदेश भर के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किया है कि वह इस तरह के प्रवासियों को चिह्नित कर उनकी सूची तैयार करें।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साथ ही कहा है कि उन लोगों को भी चिह्नित किया जाए जो प्रदेश में अवैध तरीके से रह रहे हैं। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने जानकारी देते हुए कहा है कि राज्य सरकार द्वारा सभी ज़िलों के जिला मजिस्ट्रेट को निर्देश जारी किये गए हैं कि वह पाकिस्तान, अफगानिस्तान तथा बांग्लादेश से आए उन सभी प्रवासियों को चिह्नित करें जो कई सालों से यहाँ आकर बिना नागरिकता के रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि सूची बनाने का मकसद यह तय करना है कि वास्तविक प्रवासियों को ही भारतीय नागरिकता दी जा रही है।
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अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि देश में यह पहली बार हो रहा है जब इस प्रकार की कोई सूची बनाई जा रही है। इससे प्रवासी लोग भारत के नागरिक बन जाएंगे और साथ ही राज्य में रह रहे अवैध मुस्लिम प्रवासियों की जानकारी भी केंद्रीय गृह मंत्रालय को दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अब तक की जो जानकारी मिली है उसमे पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए प्रवासी लखनऊ, हापुड़, रामपुर, शाहजहांपुर, नोएडा और गाजियाबाद में अधिक मात्रा में रह रहे हैं। कुछ मुस्लिमों का कहना है की सीएए की आड़ में भारतीय मुसलामानों को निशाना बनाया जा रहा है। गौरतलब है कि सीएए को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान प्रदेश में अब तक 28 लोगों की मौत हो गई है।