कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आज प्रदर्शन था। किसानों को बसों के जरिए सिंघु बॉर्डर से जंतर मंतर जाना था फिर उतरकर पार्लियामेंट जाना था। तय हुआ है कि 13 अगस्त तक 200 किसान संसद के आगे कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के लिए जाएंगे। किसानों का कहना था कि जहां पर भी पुलिस रोकेगी वहीं पर हम अपनी संसद लगाएंगे।
‘किसान संसद’ की प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि किसानों की बात संसद नहीं सुन रही है इसलिए सभी सांसदों को हमने चिट्ठी दिया है कि हमारे वोट से जीते हैं तो ऐसा करें कि हम वोट देते समय याद रखें। ईमानदार हैं तो हमारा सवाल उठाएं। आज हम यहां आए।
यह 13 अगस्त तक लगातार चलेगा। प्रतिदिन 200 किसान सिंघु बॉर्डर से आएंगे और किसानों के मुद्दे पर चर्चा होगी। आज 3 कानूनों के पहले कानून APMC पर चर्चा हुई। इसके बाद हम कानून को संसद में खारिज करेंगे और संसद से अपील करेंगे कि ‘किसान संसद’ की बात मानकर कानून खारिज करे।
ऑक्सीजन की कमी से मौतों के बयान पर केंद्र और AAP आमने-सामने
देश की सरकार किसान विरोधी सरकार है। किसानों को प्रदर्शन करते 8 महीने हो गए हैं लेकिन सरकार के पास समय नहीं है। संसद के सदस्यों को हमने कहा कि आप इस मुद्दे पर दबाव डाले ताकि सरकार बात करें।